अंधे माता-पिता ने दशरथ को दिया श्राप, श्री रामलीला समिति डीहपुर में रामलीला का मंचन

 “हाय! जालिम तेरा क्या बिगाड़ा तीर सीने पर तूने क्यों मारा, श्रवण को  बाण लगा तो भावविभोर हो गए दर्शक


दीदारगंज - आजमगढ़ |पृथ्वीराज सिंह की रिपोर्ट|दीदारगंज क्षेत्र के डीहपुर गांव में चल रहे रामलीला के तीसरे दिन मंचन में श्रवण के पात्र मंचन पर दर्शक भाव विभोर हो गये। “हाय! जालिम तेरा क्या बिगड़ा तीर सीने पर तूने क्यों मारा, तूने अंधों की लाठी को तोड़ा, मैं एक ही था श्रवण सहारा…जंगल में आखेट के लिए निकले दशरथ का बाण जब श्रवण कुमार के सीने पर लगा, तो बरबस उसके मुहं से आह! निकल गई। बाण से घायल श्रवण कुमार ने प्राण त्याग ने से पहले राजा दशरथ से सवाल किया कि उसने क्यों तीर मार दिया। राजा दशरथ भी कुछ समझ नहीं पाए कि उनसे क्या अनर्थ हो गया। श्रवण कुमार और दशरथ के यह संवाद रविवार रात को श्री रामलीला समिति परिसर में साकार हो उठे। समिति के तत्वावधान में दशहरा के मौके पर इस वर्ष भी श्री रामलीला समिति डीहपुर में रामलीला का मंचन किया जा रहा हैं। तीसरे दिन रविवार को राजा दशरथ और श्रवण संवाद का मंचन किया गया। इसमें राजा शिकार पर निकलता और मृग की बजाय तीर श्रवण कुमार के लग जाता है। कलाकारों ने अपने अभिनय के दम पर दृश्य को मंच पर साकार कर दिया। श्रवण के बाण लगने पर पंडाल में बैठे दर्शक भावविभाोर हो गए। कुछ देर के लिए एक सन्नाटा सा पसर गया। हर किसी की मुहं से निकल पड़ा- अरे! यह क्या हो गया! जब राजा दशरथ पानी लेकर श्रवण कुमार के माता-पिता के पास पहुंचा, तो उन्होंने राजा को श्राप दे दिया, जैसे उनके पुत्र को तूने छीना है, अब तू भी ऐसे ही अपने पुत्रों के वियोग में तड़पेगा।


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