जिलाधिकारी द्वारा प्रदूषण से बचाव हेतु सभी किसान भाइयों से पराली न जलाने कि, की गयी अपील।

 


सुलतानपुर । जिलाधिकारी कृत्तिका ज्योत्स्ना द्वारा जनपद में फसलों की औसत उपज और उत्पादन के आंकड़े के संकलन को लेकर आज विकास खण्ड दूबेपुर के ग्राम पंचायत त्रिलोकपुर में धान के फसल की कटाई के साथ फसल कटाई प्रयोग का जायजा लिया गया। राजस्व विभाग के द्वारा ग्राम पंचायत त्रिलोकपुर के कृषक गया प्रसाद के धान के खेत घाटा संख्या-144 में 43.3 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में 10×10×10 मीटर का समबाहु त्रिभुज का प्लाॅट बनाकर सीसीई एग्री ऐप के माध्यम से फसल कटाई का प्रयोग किया गया।

             जिलाधिकारी ने गांव त्रिलोकपुर निवासी किसान गयाप्रसाद के खेत में जाकर अपने सामने ही धान की फसल की क्रॉप कटिंग कराई। इसके बाद उन्होंने धान की मड़ाई (झड़ाई) कराकर उसकी तौल भी कराई, जिसमें 29 किलो ग्राम धान की फसल प्राप्त हुई। जिलाधिकारी ने खेत का नक्शा, खसरा, रजिस्टर आदि भू-अभिलेखों की जांच करते हुए किसानों से बोई गई धान के बीज के बारे में जानकारी ली।


                जिलाधिकारी ने किसानो को धान अपने नजदीकी सरकारी क्रय केन्द्रों पर ही बेचने की सलाह दी, जिससे उन्हे अपने फसल का उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने किसान बन्धुओं से आग्रह किया कि किसी भी बिचैलियों के बहकावे में न आये। जिलाधिकारी ने जनपद के सभी किसानों से अपने-अपने खेतों में पराली न जलाने की भी अपील की।

              अपर जिला कृषि अधिकारी सत्येन्द्र मिश्रा ने बताया कि क्रॉप कटिंग प्रयोगों के आधार पर ही जनपद में फसलों की औसत, उपज और उत्पादन के आंकड़े तैयार किए जाते हैं, जिससे जनपद में हो रहे उत्पादन की सटीक जानकारी हासिल की जाती है। अंतिम आंकड़े परीक्षण के उपरांत राज्य स्तर पर कृषि निदेशालय जारी करता है। उन्होंने कहा कि क्रॉप कटिंग के प्रयोगों से प्राप्त उत्पादन के आंकड़ों के आधार पर क्षतिपूर्ति और फसल बीमा की राशि निर्धारित की जाती है।


              इस अवसर पर सहायक सांख्यिकी अधिकारी बृजेश गुप्ता, तहसीलदार सदर केशव प्रताप सिंह, कृषि विभाग से संजय यादव, सहायक विकास अधिकारी कृषि दूबेपुर, बीमा कंपनी इफको-टोकियो के जिला प्रबंधक विनीत पाण्डेय, तहसील समन्वयक सौरभ सिंह, राजस्व निरीक्षक गजाधर प्रसाद, विनय तिवारी, क्षेत्रीय लेखपाल मुफीद, लेखपाल मेराज अहमद, ग्राम प्रधान ओम प्रकाश यादव, प्रगतिशील कृषक लल्लन सिंह, पारसनाथ, केदारनाथ सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।