छठ पूजा स्पेशल, छठ पूजा की विधि विधान और मान्यता

 


बिलरियागंज/आजमगढ़  । कुसुमलता पाण्डेय की रिपोर्ट।छठ पूजा का महापर्व नहाय खाय से शुरू हो चुका है.मुख्य रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में मनाया जाने वाला यह त्योहार, अब देश के कई राज्यों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाने लगा है. छठ पूजा के दूसरे दिन खरना में महिलाएं गुड़ और चावल की खीर खाने के बाद 36 घंटों तक निर्जला व्रत करती हैं

हिंदू मान्यताओं के अनुसार छठ का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. छठ पूजा के दौरान महिलाएं एक विशेष प्रकार का सिंदूर लगाती हैं, जो कि इस महापर्व का अहम अंग माना जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि महिला ऐसा क्यों करती हैं और इसे लेकर आपके मन में जिज्ञासा होती होगी कि आखिर नाक से क्यों लगाया जाता है यह सिंदूर?

हिंदू मान्यता में सिंदूर सुहाग का प्रतीक होता है, वैसे तो महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए मांग में सिंदूर लगाती हैं, लेकिन छठ पूजा के दिन नाक से सिंदूर लगाने की प्रथा काफी पुरानी है. इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के लिए मांग में नारंगी सिंदूर लगाती हैं. यह भी मान्यता है कि लंबा सिंदूर लगाना परिवार में सुख संपन्नता का प्रतीक होता है और इस दिन लंबा सिंदूर लगाने से घर परिवार में खुशहाली आती है. आम भाषा में इस सिंदूर को भखरा सिंदूर भी कहते हैं. इस साल छठ पूजा की शुरुआत 17 नवंबर से हो गई है और ये पर्व 4 दिन तक यानि 20 नवंबर तक चलेगा

लंबे सिंदूर के पीछे क्या है पौराणिक कथा


पौराणिक कथाओं की मानें तो जब भगवान हनुमान को पता चला कि श्रीराम द्वारा सीता सिंदूर लगाए जाने पर प्रसन्न होते हैं, तो उन्होंने अपना सारा शरीर ही नारंगी सिंदूर से रंग लिया. इसी तरह अपने आप को सिंदूर से रंगकर वो श्रीराम की सभा में उनके प्रति अपना समर्पण दिखाना चाहते थे .सिंदूर दान के समय इस नारंगी सिंदूर का इस्तेमाल पति पत्नी में एक दूसरे के प्रति समर्पण को दर्शाता है.

1-धार्मिक मान्यता है कि इस दिन अगर कोई महिला नाक से सिर तक लंबा सिंदूर लगाती है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और पति का उम्र में वृद्धि होती है.इस दिन सूर्य देव की पूजा के साथ महिलाएं अपने पति और संतान के सुख, शांति और लंबी आयु की कामना करते हुए अर्घ्य देकर अपने व्रत को पूरा करती हैं. महिलाएं इस सिंदूर का इस्तेमाल खुद के लिए करती हैं, बल्कि देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए भी इसे लगाती हैं.


2-छठ का व्रत संतान के लिए रखा जाता है.लेकिन इस दिन महिलाएं अपनी संतान और पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं।लंबा सिंदूर पति के लिए बेहद शुभ माना जाता है.

3-सिंदूर माथे से शुरु होकर जितना लंबी मांग हो उतना लंबा भरा जाना चाहिए,ताकि सिंदूर सभी को दिखाई दे.


4-छठ पूजा के दौरान श्रृंगार का भी विशेष महत्व है. इस पूजा में जो महिलाएं व्रत करती हैं वो इस दिन पूरा श्रृंगार करती है. इस श्रृंगार के दौरान महिलाएं नाक से माथे तक पूरी मांग भरती हैं

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