नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा का तीसरा दिन
कादीपुर (सुलतानपुर)। सूर्यप्रकाश तिवारी की रिपोर्ट|'रामकथा जीवन की सारी व्यथा समाप्त कर देती है।कथा जरूर सुनना चाहिए इससे जीवन जीने के सूत्र मिलते हैं। जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना ही कथा का उद्देश्य है। रामकथा में स्पष्ट है कि नकली साधु ने नकली मृग के माध्यम से नकली सीता का अपहरण किया । इसका परिणाम समाज के लिए अच्छा नहीं रहा।' यह बातें बाबा बजरंगदास ने कहीं।
वह जूनियर हाईस्कूल मैदान में चल रही नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा के तीसरे दिन कथा सुना रहे थे।
उन्होंने बताया कि जिसने कभी किसी की सहायता नहीं की उसके धनवान होने का कोई अर्थ नहीं है। जिसने मां बाप की सेवा नहीं की उसके पूजा पाठ का कोई महत्व नहीं।
कथा सुनाते हुए बाल व्यास सम्पूर्णानंद ने कहा बिना सत्संग के विवेक जागृत नहीं होता। संत का सानिध्य हमारे जीवन की दिशा और दशा बदल देता है।सब कुछ जाने के बाद अगर अच्छी संगत मिल जाय तो सब फिर से वापस आ जाता है।
संचालन वरिष्ठ साहित्यकार मथुरा प्रसाद सिंह जटायु ने किया। इस अवसर पर संयोजक सुरेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ.सुशील कुमार पाण्डेय साहित्येन्दु , गिरीश नारायण तिवारी , विनोद कुमार श्रीवास्तव एडवोकेट शिव सकल सिंह, रमेश मोदनवाल
सहित अनेक प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
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