श्री राम कथा के चौथे दिन की कथा में श्री राम जन्मोत्सव का सुंदर वर्णन सुन भक्ति रस में गोते लगाते रहे श्रोता

 






अतरौलिया|मोहम्मद शमीम की रिपोर्ट। श्री राम कथा के चौथे दिन की कथा में श्री राम जन्मोत्सव का सुंदर वर्णन सुन भक्ति रस में गोते लगाते रहे श्रोता। बता दे कि विगत तीन वर्षो से लगातार श्री नव दुर्गा सेवा समिति गोरहरपुर के तत्वावधान में आयोजित नव दिवसीय संगीतमयी श्री राम कथा के चौथे दिन बुधवार को कथा श्रोताओं की भारी भीड़ लगी। गीत संगीत के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र से आए हुए श्रोता भक्ति रस में रात्रि तक गोते लगाते रहे। कथा व्यास भगवताचार्य पंडित चंद्रेश जी महाराज ने चौथे दिन की कथा में बताया कि अयोध्या के सूर्यवंशी राजा, चक्रवर्ती सम्राट दशरथ ने पुत्र की कामना से यज्ञ कराया जिसके फलस्वरूप उनके पुत्रों का जन्म हुआ। श्रीराम का जन्म देवी कौशल्या के गर्भ से अयोध्या में हुआ था। श्रीराम जी चारों भाइयों में सबसे बड़े थे।

विवस्वान से पुत्र वैवस्वत मनु हुए

जब विवस्वान हुए तभी से सूर्यवंश का आरंभ माना जाता है। विवस्वान से पुत्र वैवस्वत मनु हुए, वैवस्वत मनु के 10 पुत्र हुए- इल, इक्ष्वाकु, कुशनाम (नाभाग), अरिष्ट, धृष्ट, नरिष्यन्त, करुष, महाबली, शर्याति और पृषध. भगवान राम का जन्म वैवस्वत मनु के दूसरे पुत्र इक्ष्वाकु के कुल में हुआ था। भगवान राम को इक्ष्वाकु वंश के राजा दशरथ के बेटे के रूप में जाना जाता है और वे अवतारवादी हिंदू धर्म में एक आवतार माने जाते हैं। इक्ष्वाकु वंश, जिसमें भगवान राम उत्पन्न हुए थे, को सूर्यवंशी वंश के रूप में जाना जाता है, और भगवान राम को क्षत्रिय (राजपुत्र) माना जाता है। राम के जन्म होते ही पंडाल में प्रभु श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। कथावाचक चंद्रेश जी महाराज ने कहा कि भगवान का जन्म असुरों और पापियों का नाश करने के लिए हुआ था। भगवान राम ने बाल्यावस्था से ही असुरों का नाश किया। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जीवन चरित्र अनंत सदियों तक चलता रहेगा। राम कथा में पिता के प्रति मां के प्रति और भाई के प्रति प्रभु राम का जो स्नेह प्रेम रहा सदा सदा के लिए अमर है। ज्ञात हो कि ग्रामीण इलाके में चल रहे नव दिवसीय श्री राम कथा को सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं वही श्रोताओं में सबसे अधिक संख्या महिलाओं की होती है। कथा समापन के उपरांत माँ दुर्गा की भव्य आरती और प्रसाद वितरण का कार्यक्रम संपन्न होता है, जिसमें गांव के युवा बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

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