संविधान दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन

 अतरौलिया, आजमगढ़(रज्जाक अंसारी की रिपोर्ट)।26नवम्बर 2022 को साहस साथी जान्हवी दत्त एवं स्थानीय संस्था ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान के संयुक्त प्रयास से विकास खण्ड अतरौलिया के ग्राम  पंचायत चिश्तीपुर में संविधान दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

          सर्वप्रथम साहस साथी एंव अन्य लोगो द्वारा अम्बेडकर जी को माल्यार्पण किया गया।संविधान की उद्देशिका पढ़ कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।सभी ने अपने अपने सम्बोधन मे बताया की आज ही के दिन 26 नवम्बर 1947 के दिन हमारा संविधान बन कर तैयार हुआ था।हर भारतीय नागरिक के लिए हर साल 26 नवम्बर का दिन बेहद खास होता है। दरअसल यही वह दिन है जब देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था। संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। जहां संविधान के लिए मौलिक अधिकार हमारी धार बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं। वहीं हमारे


मौलिक कर्तव्य हमें हमारी जिम्मेदारियों का भी याद दिलाते हैं।हर वर्ष 26 नवंबर का दिन देश में संविधान दिवस के तौर पर

मनाया जाता है। 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है। हालांकि 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया था। साल 2015 में संविधान के निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के 125 वीं जयंती वर्ष के रूप में

26 नवंबर को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाने के केंद्र सरकार के फैसले को अधिसूचित किया था। भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसमें देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों, सरकार की भूमिका प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की शक्तियों का वर्णन किया गया है।संविधान की मूल प्रति श्री प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने अपने हाथों से लिखी थी। यह बेहतरीन अक्षरों में लिखी गई है। इस के हर पन्ने को शांति निकेतन के कलाकारों ने सजाया है। संविधान की प्रतियां हिंदी और अंग्रेजी 2 भाषाओं में लिखी गई थी इन्हें आज भी भारत के संसद में सुरक्षित रखा गया है। संगोष्ठी को दिनेश, ज्योति, सुप्रिया,सूरज, बालरूप सोनी आदि ने सम्बोधित किया। अन्त मे उपस्थित सभी लोगों को धन्यवाद महिला लीडर दयामति द्वारा दिया गया। उमा,कुसुम, पुष्पा, जितयी,रामचेत, कबूतरा,आदि का आज के कार्यक्रम मे बिशेष सहयोग रहा।

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