कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना 2021 का लाभ दिलाने के निर्देश जारी

 आजमगढ़(सर्वेश पाण्डेय की रिपोर्ट) : सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ ने बताया कि उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आजमगढ़ के अध्यक्ष एवं जनपद न्यायाधीश द्वारा कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना 2021 का लाभ दिलाने के निर्देश जारी किये गये है।

इस सम्बन्ध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सुश्री अनीता द्वारा जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित किया गया कि वे इस योजना का प्रचार-प्रसार कराये तथा पात्र अभ्यर्थियों की सूची कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ में प्रेषित करना सुनिश्चित करें। इस योजना के तहत 0 से 18 वर्ष के ऐसे बच्चे शामिल किए जाएंगे, जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोविड-19 से हो गई है, या माता-पिता में से एक की मृत्यु मार्च 2020 से पहले हो गई थी और दूसरे की मृत्यु कोविड काल में हो गई अथवा दोनों की मौत 1 मार्च 2020 से पहले हो गई थी। इसके अलावा 0 से 18 वर्ष के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु कोविड काल में हो गई हो और वर्तमान में जीवित में माता- पिता सहित परिवार की आय दो लाख रूपये से अधिक ना हो। ऐसे लोगों को योजना में शामिल किया जाएगा।

उन्होंने बताया है कि योजना की श्रेणी में आने वाले 0 से 10 वर्ष के बच्चों के वैध संरक्षण के बैंक खाते में 4000 हजार रूपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। इसके साथ ही यह शर्त होगी कि औपचारिक शिक्षा के लिए बच्चे का पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया


गया हो, समय से टीकाकरण कराया गया है और बच्चे के स्वास्थ्य और पोषण का पूरा ध्यान रखा जा रहा हो। इसके अलावा जो बच्चे पूरी तरह अनाथ हो गए हो और बाल कल्याण समिति बाल्य देखभाल संस्थाओं में आवासित कराए गए हो, उनको कक्षा 6 से 12 तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जाएगा।

11 से 18 वर्ष तक के बच्चों की कक्षा 12 तक की निःशुल्क शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में भी प्रवेश कराया जा सकेगा। ऐसे वैध संरक्षक को तीन माह की अवकाश अवधि के लिए बच्चे की देखभाल के लिए प्रतिमाह 4000 रूपए की दर से 12 हजार रूपये प्रति वर्ष खाते में दिए जाएंगे। यह राशि कक्षा 12 तथा 18 वर्ष की उम्र, जो भी पहले पूर्ण होने तक दी जाएगी। यदि बच्चे के संरक्षक इन विद्यालयों में प्रवेश दिलाना नहीं चाहते है तो बच्चों की देखरेख और पढ़ाई के लिए उनको 18 वर्ष का होने तक कक्षा 12 की शिक्षा पूरी होने तक 4000 हजार रूपए की धनराशि दी जाएगी, बशर्ते बच्चे का किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो। योजना के तहत चिन्हित बालिकाओं के शादी के योग्य होने तक शादी के लिए 101000 रूपए दिए जाएंगे। कक्षा 9 या इससे ऊपर की कक्षा में अथवा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को टैबलेट लैपटॉप की सुविधा जाएगी।

उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चों की चल-अचल सम्पत्तियों की सुरक्षा इकाई व बाल कल्याण समिति द्वारा चिन्हांकन के 15 दिन के अन्दर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कराई जाएगी। निर्धारित प्रारूप पूर्ण भरकर ऑफलाईन तरीके से ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम विकास पंचायत अधिकारी, विकास खंड या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय पर जमा कराना होगा। शहरी क्षेत्र में लेखपाल तहसील या जिला प्रोवेशन अधिकारी कार्यालय में जमा किए जा सकते है। माता-पिता की मृत्यु से दो वर्ष के अंदर आवेदन तथा अनुमोदन की तिथि से लाभ अनुबंध होगा। अभी तक इस योजना के तहत 49 आवेदन पत्र प्राप्त किये गये, जिसको सत्यापित कराने पर 36 पात्र लाभार्थियों की सूची तैयार की गयी।

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