लखनऊ : न्यूज ऑफ इंडिया (एजेन्सी) की रिपोर्ट । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा कि विगत साढ़े 6 वर्षों में प्रदेश के 06 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की जा चुकी है। डिजिटल इण्डिया, पी0एम0 स्वनिधि जैसी केन्द्र तथा राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ


लेते हुए युवाओं को रोजगार से जोड़ने का कार्य व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश में लाखों युवाओं को नौकरी और रोजगार की गारंटी मिली है। पी0एम0 विश्वकर्मा योजना, ओ0डी0ओ0पी0 योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, प्रधानमंत्री युवा स्वरोजगार योजना तथा मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना जैसी अनेक योजनाओं ने करोड़ों लोगों को रोजगार के साथ जोड़ा है। प्रदेश सरकार की स्पष्ट मंशा है कि किसी भी युवा के साथ भेदभाव न हो।

मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में मिशन रोजगार के अन्तर्गत निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया द्वारा चयनित नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के 242 सहायक बोरिंग टेक्नीशियन के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर


रहे थे। यह सहायक बोरिंग टेक्नीशियन उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित किए गए हैं। मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम में 10 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। नव चयनित अभ्यर्थियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि आज देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ0 राजेंद्र प्रसाद की पावन जयंती है। नव चयनित अभ्यर्थी प्रदेश शासन का भाग बनने जा रहे हैं। बोरिंग टेक्नीशियन के रूप में कार्य करने के लिए सभी को महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा जा रहा है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रदेश में विगत साढ़े 6 वर्षों में निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। प्रदेश की डबल इंजन सरकार द्वारा वर्ष 2022 में सिंचाई और जल संसाधन विभाग के जूनियर इंजीनियर के पद पर 1,438 अभ्यार्थियों का चयन लोक सेवा आयोग द्वारा किया गया। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्रवक्ता और सहायक अध्यापकों की 436 पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही को पूरा किया गया। प्रदेश सरकार द्वारा 271 खंड विकास अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया संपन्न की गई। 49 उप जिलाधिकारी, 110 नायब तहसीलदार, 31277 सहायक अध्यापक बेसिक शिक्षा, 1160 डिप्टी कलेक्टर, बी0एस0ए0, प्रवक्ता, समीक्षा अधिकारी, गन्ना पर्यवेक्षक की नियुक्ति हुई, 267 नायब तहसीलदार, प्रवक्ता और सहायक अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की गई। 332 आबकारी सिपहियों की नियुक्ति की गई, 1354 स्टाफ नर्सों की भर्ती की गई। 431 वरिष्ठ प्राविधिक सहायक कृषि सेवा, 9055 सब इंस्पेक्टर, पी0सी0एस0 2021 के 496 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की गई। विभिन्न प्रकार विभागों से जुड़े हुए 795 नव चयनित कार्मिकों के नियुक्ति पत्र का कार्यक्रम किया गया । 7182 पदों पर ए0एन0एम0 की भर्ती की गई। 1148 उप निरीक्षक और सहायक उप निरीक्षक, ओलम्पिक आदि खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कुशल खिलाड़ी प्रथम चरण में 227 आरक्षी पद पर उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती किए गए। दूसरे चरण में 333 पदों पर कुशल खिलाड़ियों की नियुक्ति की गई।

 मुख्यमंत्री  ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट था। आज उत्तर प्रदेश का युवा और नागरिक देश में कहीं भी जाता है तो  उसके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाता है। प्रदेश आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। परिश्रम हमारा सबसे बड़ा सर्टिफिकेट है। हमें ईमानदारी पूर्वक परिश्रम करते हुए प्रदेश के सर्वांगीण विकास में योगदान करना चाहिए। प्रधानमंत्री  द्वारा बताए गए पंच प्रण पर चलकर आत्मनिर्भरता के मार्ग पर चलकर विकसित भारत की परिकल्पना हम सभी के दिमाग में होनी चाहिए। भारत विकसित तभी बनेगा जब हम गुलामी की मानसिकता से उबरेंगे, देश का प्रत्येक नागरिक अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति करेगा एवं एकता और एकीकरण के लिए कार्य करेगा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी इस बात का बार-बार उल्लेख करते हैं कि व्यक्ति को अधिकार के साथ कर्तव्यों की भी जानकारी होनी चाहिए। यदि हम अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे तो अधिकार स्वयं सुरक्षित हो जाएंगे। यदि व्यक्ति अपने अधिकारों की बात करता है और कर्तव्यों की बात नहीं करता है तो वह अपने आप को धोखा देता है। प्रत्येक नागरिक का समाज और राष्ट्र के प्रति दायित्व होना चाहिए। हमारा दायित्व है कि भारत दुनिया का विकसित देश बने। नागरिक कर्तव्य के रूप में कोई व्यक्ति चाहे वह जिस पद पर हो उसे सदैव अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रकृति और परमात्मा की असीम कृपा वाला प्रदेश है। यहां की भूमि अत्यंत उर्वर है। प्रदेश में भूजल और सतही जल के रूप में पर्याप्त जल संसाधन उपलब्ध है। राज्य में सदानीरा नदियां प्रवाहित होती हैं। प्रदेश में स्वतंत्रता के समय केवल 06 करोड़ लोग निवास करते थे। उस समय हैंडपम्प, ट्यूबवेल, तालाब आदि का पानी पेयजल तथा सिंचाई आदि के लिए उपयोग किया जाता था। वर्तमान में प्रदेश में 25 करोड़ आबादी निवास कर रही है। प्रदेश औद्योगीकरण के नए युग में प्रवेश कर रहा है। प्रदेश में 70 प्रतिशत सिंचाई भूजल से की जाती है। शेष 30 प्रतिशत सिंचाई नहरों आदि द्वारा की जाती है। पेयजल क्षेत्र की लगभग 80 प्रतिशत और औद्योगिक क्षेत्र की लगभग 85 प्रतिशत आवश्यकताओं की पूर्ति भी भूजल स्रोतों से की जाती है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि यदि हम बैंक से सदैव धन की निकासी करते जाएं और धन जमा न करें तो खजाना खाली हो जाएगा। इसी प्रकार हमें प्रकृति और परमात्मा द्वारा जल के रूप में अमूल्य निधि सौंपी गई है, इसके संरक्षण का दायित्व हम सभी का होना चाहिए। हमें एक ओर पेयजल, कृषि और उद्योगों के लिए जल की आपूर्ति सुनिश्चित करनी है, साथ-साथ जल का संरक्षण भी करना है। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  के मार्गदर्शन में इस दिशा में अनेक कार्य किए जा रहे हैं। प्रदेश में अटल भूजल योजना इसका उदाहरण है। प्रदेश में रेन वाटर हार्वेस्टिंग और चेक डैम निर्माण जैसे अनेक कार्य किए जा रहे हैं। इन कार्यों से प्रदेश में अतिदोहित विकास खण्डां और जनपदों को सामान्य जनपदों के रूप में स्थापित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है,ताकि प्रदेश में पेयजल सिंचाई और उद्योगों के लिए जल का अभाव न होने पाए। उद्योगों, कृषि तथा पेयजल के लिए जल आवश्यक है। मुख्यमंत्री  ने कहा कि जल संरक्षण के लिए केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों के साथ-साथ नव चयनित सहायक बोरिंग टेक्नीशियन को स्वयं एवं लोगों को जल संरक्षण और नियोजन की व्यवस्था से जोड़ना होगा। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में हर घर नल योजना लागू हो रही है। प्रदेश में यह योजना प्रत्येक घर तक पहुंच रही है। दोहित जल की क्षतिपूर्ति के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की जानी चाहिए। रूफटॉप वॉटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था के लिए प्रयास प्रारंभ किए जाने चाहिए। नगरीय निकायों में सरकारी भवनों तथा बड़े भवनों को इस व्यवस्था से जोड़ने का कार्य किया जाना चाहिए। जब यह प्रयास सफलीभूत होंगे तो लंबे समय तक भूगर्भ जल का उपयोग किया जा सकेगा तथा नदियां भी सदानीरा रहेंगी।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि भूगर्भ जल की कमी के चलते डार्क जोन वाले स्थानों में बोरिंग नहीं की जा सकती। क्रिटिकल और सेमी क्रिटिकल जोन चेतावनी वाले क्षेत्र होते हैं। प्रदेश सरकार ने अन्नदाता किसानों को सिंचाई के क्षेत्र में राहत देने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की तथा बजट में प्रावधान किए। लघु सिंचाई के कार्यक्रम आगे बढ़ाये जा सकें इसके लिए भी बजट में व्यवस्था की गई है। किसानों की आय दोगुना करने के लिए प्रधानमंत्री के अभियान को आगे बढ़ानें के लिए किसानों को नहरों से सिंचाई की निःशुल्क सुविधा तथा अन्य सिंचाई साधनों से न्यूनतम दर पर सिंचाई की सुविधा प्रदान करने के लिए विद्युत आपूर्ति जैसे कार्य निरंतर किया जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में जब देर से वर्षा होती है, तो संरक्षित जल का उपयोग कर कृषि कार्य किया जाते हैं। प्रदेश के किसानों ने नहरों, ट्यूबेल आदि सिंचाई साधनों द्वारा इस वर्ष और गत वर्ष मानसून में देरी होने पर धान लगाना समय पर प्रारंभ कर दिया था। ट्यूबवेल के लिए अनवरत विद्युत आपूर्ति की जा रही थी। प्रदेश में प्रत्येक जगह फसल लहलहाती हुई दिख रही थी। यह स्थिति अन्य राज्यों में नहीं थी, क्योंकि प्रत्येक राज्य के पास इस प्रकार का सौभाग्य नहीं है।

कार्यक्रम में ग्रामीण जलापूर्ति विभाग से सम्बन्धित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

कार्यक्रम को जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह तथा जल शक्ति राज्य मंत्री  रामकेश निषाद ने भी सम्बोधित किया।

इस अवसर पर मुख्य सचिव  दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति  अनुराग श्रीवास्तव, सचिव नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति डॉ0 बलकार सिंह, मुख्य अभियन्ता लघु सिंचाई विभाग रमाकान्त तिवारी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।