फतेहपुर। (सर्वेश पाण्डेय की रिपोर्ट)|फतेहपुर जिले में एकतरफा प्यार से इंकार पर चचेरी बहन के सात टुकड़े करने वाले भाई को अपर सत्र कोर्ट प्रथम ने शुक्रवार दोपहर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी के कृत्य के लिए सहायक शासकीय अधिवक्ता की ओर कोर्ट से फांसी देने की मांग रखी गई। जघन्य वारदात सदर कोतवाली क्षेत्र के मसवानी मोहल्ले में 2011 को हुई थी।

मोहल्ला निवासी कमरूल हुदा की बेटी फरहत फातिमा उर्फ जीनत (28) बीएड कर चुकी थी। घटना के वक्त वह यूपीएससी की तैयारी कर रही थी। उसका 29 अगस्त 2011 को 28 वां रोजा था। सहायक शासकीय अधिवक्ता रहस बिहारी श्रीवास्तव ने बताया कि उसी दिन जीनत दवा लेने साइकिल से घर से निकली थी। फिर लौटकर नहीं आई थी।

मोबाइल कॉल डिटेल छानबीन में पुलिस ने पड़ोस में रहने वाले चचेरे भाई इरफान उर्फ गुड्डू को पकड़ा था। उसकी निशानदेही पर आठ सितंबर 2011 को पक्का तालाब रोड स्थित पुलिया के नीचे से जीनत के सात टुकड़े बरामद हुए थे। टुकड़ों को अलग-अलग स्थानों पर मिट्टी में आरोपी ने दफन किया था।

प्लॉस्टिक की बोरी में युवती का पर्स, एक जोड़ी चप्पल मिली थी। घटना में प्रयुक्त चाकू पुलिस ने आरोपी के घर से बरामद किया। घटना के बाद से ही आरोपी जेल में था। शासकीय अधिवक्ता रहस बिहारी श्रीवास्तव और पैरवी पक्ष के अधिवक्ता शफीकुल गफ्फार की ओर से कोर्ट में आरोपी के खिलाफ साक्ष्य प्रस्तुत किए गए।

साक्ष्यों के आधार पर जज अखिलेश कुमार पांडेय ने आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 32,400 रुपये का अर्थदंड लगाया। सहायक शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि आरोपी एक तरफा प्यार जीनत से करता था। अक्सर उसे परेशान करता था। दवा लेने जाते समय बहाने से घर में बुलाया और शादी का प्रस्ताव रखा। युवती ने शादी से इनकार कर दिया था। तभी उसकी इरफान ने हत्या कर दी।

आरोपी के एक चाचा की लालाबाजार में सूतफेनी, खजूर की दुकान है। दुकान का गोदाम भी इरफान के घर के बगल में बना है। वारदात के बाद सामने रहने वाले परिवार के लोग रात और भोर पहर इरफान को बोरी में कुछ लेकर जाते देखते थे। वह शव के टुकड़े ठिकाने लगाने जाता था। मसवानी मोहल्ले का मकान भी इरफान के परिजनों ने बेच दिया है।